दीप मोहब्बत का जलाओ ,तो दिवाली हो
अँधियारा नफ़रत का मिटाओ ,तो दिवाली हो
घर के कोनों में कशिश ज़माने की ,
प्यासी आखियों में नूर लाओ ,तो दिवाली हो .
दीपावली की शुभकामनाये .
रमेश .
अँधियारा नफ़रत का मिटाओ ,तो दिवाली हो
घर के कोनों में कशिश ज़माने की ,
प्यासी आखियों में नूर लाओ ,तो दिवाली हो .
दीपावली की शुभकामनाये .
रमेश .